www.thearyavrat.com
latest Hindi news, reports,In Depth analyses,Breaking news

युवा हो रहे मधुमेह का शिकार, प्रतिमाह एक हजार

बिजनौर। जिले में प्रतिमाह करीब एक हजार युवा मधुमेह की चपेट में आ रहे हैं। हर महीने 20 से 40 साल की आयु वर्ग के युवाओं की रिपोर्ट डाइबिटीज पॉजिटिव आने से चिकित्सक हैरानी में हैं। चिकित्सक असंतुलित खानपान और आरामदायक जीवनशैली को इस रोग की जड़ मान रहे हैं। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब में प्रतिदिन करीब 250 मरीजों के खून के नमूने की जांच की जाती है। इनमें से लगभग 30 मरीज 20 से 40 आयु वर्ग के होते हैं। चिकित्सकों ने ऐसे युवाओं को संतुलित खानपान और नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी है।

आनुवांशिक रोग है मधुमेह

चिकित्सकों के अनुसार मधुमेह आनुवांशिक रोग है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है यह अन्य लोगों को नहीं होगा। जिन व्यक्तियों के माता-पिता में से किसी एक को भी यह बीमारी है तो वह संतान में भी आ सकती है। इसलिए गर्भावस्था में ही चैकअप आदि पर विशेष ध्यान दें। ये लक्षण दिखाई देने पर जांच अवश्य करानी चाहिए। चिकित्सकों की मानें तो आउटडोर गेम खेलने से फालतू कैलोरी बर्न होती रहती है। इससे मधुमेह और हृदय आदि से संबंधित समस्याएं उत्पन्न नहीं होती।

खाली पेट कराएं ब्लड शुगर चैकअप

चिकित्सकों के अनुसार ब्लड शुगर चैकअप कराना चाहिए। इसके लिए कम से कम आठ से दस घंटे भूखे रहना चाहिए। खाली पेट ब्लड शुगर लेवल की सामान्य मात्रा 80 से 120 होती है और खाना खाने के बाद शुगर की जांच सामान्य मात्रा 140 से 160 होनी चाहिए। चिकित्सक कहते हैं कि लोगों में इंसुलिन को लेकर अनेक भ्रांतियां हैं कि अधिक इंसुलिन लेने से तरह-तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं, लेकिन ये सब गलत है। मधुमेह में इंसुलिन लेना बेहद ही जरूरी होता है। जीवन भर इंसुलिन लेने से शुगर नियंत्रित रहती है। इससे कोई अन्य परेशानी नहीं होती।

शुगर बढ़ने के लक्षण

1. खाना खाने के बाद भी वजन में कमी आना।
2. अधिक भूख और प्यास लगना।
3. अधिक पानी पीने के बावजूद मुंह सूखना।
4. खासतौर से रात में बार-बार पेशाब जाना।
5. हाथ और पैर में चीटियां चलने जैसा महसूस होना।
6. जल्दी थकावट होना, कमजोरी महसूस होना।

Leave A Reply

Your email address will not be published.